Anupras Alankar : अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और उसके भेद 10+ उदाहरण सहित

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अनुप्रास अलंकार : दोस्तों आज के इस लेख में हम आपके साथ हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण अध्याय ‘अलंकार’ के अंतर्गत पूछे जाने वाले एक महत्वपूर्ण सवाल ‘अनुप्रास अलंकार‘ के बारे में चर्चा करेंगे। इस लेख में आपको अनुप्रास अलंकार से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। तो आज का हमारा इस खास लेख को पूरा जरूर पढ़ें और जाने की आखिर अनुप्रास अलंकार किसे कहा जाता हैं तथा इसकी पहचान कैसे की जाता है? इतना ही नहीं इस खास लेख मे हम आपके साथ अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और उसके भेद के साथ ही साथ अनुप्रास अलंकार के उदाहरण को भी जानेंगे। तो चलिए बिना देर किये विस्तार से जानते है Anupras Alankar को और सबसे पहले बात कर लेते है अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं जैसे सवालों के साथ

अनुप्रास अलंकार किसे कहा जाता है | Anupras Alankar kise kaha jata hain

Anupras Alankar एक शब्दालंकार है जो शब्दालंकार के छः प्रमुख भेदों मे से एक है। यह ऐसा अलंकार है जो अपने शब्दों की जादू से किसी काव्य की गरिमा को बढ़ा देता है। Anupras Alankar अनु + प्रास नामक दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें ‘अनु’ शब्द का शाब्दिक अर्थ बार-बार जबकि ‘प्रास’ शब्द का शाब्दिक अर्थ वर्ण से लगाया जाता हैं। अतः शाब्दिक अर्थों में देखा जाये तो किसी काव्य मे कोई निश्चित वर्ण बार बार प्रयोग किया जाता है तो वहां Anupras Alankar होता है।

अनुप्रास अलंकार की परिभाषा | Anupras Alankar ki paribhasha

Anupras Alankar को हम निम्नलिखित रुप से परिभाषित कर सकते है

(A). अनुप्रास अलंकार वह अलंकार होते है जिसमें किसी काव्य की शोभा बढाने के लिए किसी निश्चित वर्णों की आवृत्ति बार-बार की जाती है।

Anupras Alankar is that ornament in which the frequency of a certain letter is repeated to enhance the beauty of a poem.

(B). जब दो या दो से अधिक शब्दों में किसी निश्चित वर्ण की आवृत्ति बार- बार होती है तो वह अलंकार अनुप्रास अलंकार होता है।

When the frequency of a certain letter is repeated in two or more words, then that Alankar is Anupras Alankar.

अनुप्रास अलंकार के उदाहरण | Anupras Alankar ke udaharan

नीचे आपको विभिन्न बोर्ड तथा प्रतियोगि परीक्षाओं मे पूछे जाने वाले 10 से ज्यादा Anupras Alankar के उदाहरण दिया गया है जिसके माध्यम से आप आसानी से इन परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं

(1). जय जय 💐भारत भूमि भवानी👌 अमरों ने भी तेरी महिमा बारम्बार बखानी।
व्याख्या : उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि इसमे भ नामक एक ऐसा हिंदी वर्ण है जिसकी आवृत्ति बार-बार हो रही है। अतः उपरोक्त उदाहरण Anupras Alankar के है।

(2). तरनि 💐तनूजा तट% तमाल तरुवर बहु छाए।
व्याख्या : उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि इसमे त नामक एक ऐसा हिंदी वर्ण है जिसकी आवृत्ति बार-बार हो रही है। अतः उपरोक्त उदाहरण Anupras Alankar के है।

(3). भगवान भक्तों की💐 भयंकर भूरि भीति भगाइये।
व्याख्या : उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि इसमे भ नामक एक ऐसा हिंदी वर्ण है जिसकी आवृत्ति बार-बार हो रही है। अतः उपरोक्त उदाहरण Anupras Alankar के है।

(4). कानन कठिन💐 भयंकर भारी।
व्याख्या : उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि इसमे क तथा भ नामक एक ऐसा हिंदी वर्ण है जिसकी आवृत्ति बार-बार हो रही है। अतः उपरोक्त उदाहरण Anupras Alankar के है।

आज हमने क्या सिखा

दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आपने हिंदी व्याकरण की एक महत्वपूर्ण अध्याय अलंकार के अंतर्गत आने वाले अनुप्रास अलंकार को अच्छे से जान लिए होंगे। ऐसे ही अन्य मजेदार जानकारियों के लिए नई उड़ान के साथ जुड़े रहें और हां इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें।

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