Roopak alankar : रूपक अलंकार किसे कहा जाता है परिभाषा उदाहरण सहित

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Roopak alankar : दोस्तों आज के इस लेख में हम आपके साथ हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण अध्याय ‘अलंकार’ से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले एक महत्वपूर्ण सवाल रूपक अलंकार पर चर्चा करेंगे। इस लेख में आपको Roopak alankar से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। तो आज का हमारा इस खास लेख को पूरा जरूर पढ़ें और जाने की आखिर रूपक अलंकार किसे कहा जाता हैं तथा इसकी पहचान कैसे की जाता है? इतना ही नहीं इस खास लेख मे हम आपके साथ रूपक अलंकार की परिभाषा और उसके भेद के साथ ही साथ रूपक अलंकार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण उदाहरणों को भी जानेंगे। तो चलिए बिना देर किये विस्तार से जानते है रूपक अलंकार को और सबसे पहले बात कर लेते है रूपक अलंकार किसे कहते हैं जैसे सवालों के साथ

रूपक अलंकार किसे कहा जाता हैं | roopak alankaar kise kaha jaata hai

रूपक अलंकार हिंदी व्याकरण का वह महत्वपूर्ण अलंकार होता है जिसमें किसी काव्य की गरिमा बढ़ाने के लिए बिना गुणधर्म परिवर्तन किये हुए उपमेय (किसी छोटी वस्तु) की समानता उपमान (किसी विशेष वस्तु) से की जाती है।

रूपक अलंकार की परिभाषा | rupak alankar ki paribhasha

रूपक अलंकार शब्दालंकार के अन्तर्गत आने वाला वह महत्वपूर्ण अलंकार है जिसमें किसी काव्य की गरिमा बढ़ाने हेतु दो असमान वस्तु (उपमेय और उपमान) की तुलना उसके गुणधर्म देखें बिना उसे एक समान मान लिया जाता है।

Roopak alankar is that important rhetoric coming under shabdaalankaar, in which to increase the dignity of a poem, two dissimilar things (upameya and upamana) are compared without looking at their properties, they are considered equal.

रूपक अलंकार के उदाहरण | rupak alankar ke udaharan

नीचे आपको विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रूपक अलंकार की कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण को दिया गया

उदाहरण न. 1 : मैया मुझे तो चंद्र😢 खिलौना लैहों।
व्याख्या : उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि यहां पर एक बच्चा अपने मां से एक खिलौना लाने की मांग कर रहा है। वही भी खिलौना कैसा चांद के समान। अतः यहां पर खिलौना उपमेय है तो वही चांद उपमान।

उदाहरण न. 2 : पायो जी मैंने, राम 💐रतन धन पायो।
व्याख्या : उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि यहां पर कवि धन की समानता को राम रतन से दिखा रहा है। अतः उपरोक्त उदाहरण Roopak alankar का है। जहां पर धन (उपमेय) है तो वही दुसरी ओर राम रतन (उपमान)।

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उदाहरण न. 3 : चरण कमल💐 बंदों हरि राइ।
व्याख्या : उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि यहां पर कवि पुष्प की समानता को भगवान विष्णु के चरण से दिखा रहा है। अतः उपरोक्त उदाहरण Roopak alankar का है। जहां पर पुष्प (उपमेय) है तो वही दुसरी ओर भगवान विष्णु का चरण (उपमान)।

उदाहरण न. 4 : चरण सरोज💐 पखारन लागा।
व्याख्या : उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि यहां पर कवि सरोज की समानता को गुरु की चरण से दिखा रहा है। अतः उपरोक्त उदाहरण Roopak alankar का है। जहां पर सरोज (उपमेय) है तो वही दुसरी ओर चरण (उपमान)।

उदाहरण न. 5 : आए महंत वसंत।
व्याख्या : उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि यहां पर कवि वसंत की समानता को महंत से दिखा रहा है। अतः उपरोक्त उदाहरण Roopak alankar का है। जहां पर वसंत (उपमेय) है तो वही दुसरी ओर महंत (उपमान)।

उदाहरण न. 6 : गोरिया चाँद के 👌अंजोरिया नियन “गोर” बारू हो
व्याख्या : भोजपुरी की इस लोकप्रिय गीत को ध्यान से सुनने पर हमें पता चलता है कि इस गीत मे गायक, गायत्री की गोरेपन की सुन्दरता की समानता को चन्द्रमा की चांदनी से करता है। अतः उपरोक्त उदाहरण Roopak alankar का है। जहां पर गोरेपन का सुन्दरता (उपमेय) है तो वही दुसरी ओर चन्द्रमा की चांदनी (उपमान)।

अंतिम शब्द

उम्मीद है आपको आज का हमारा यह खास लेख (रूपक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित) काफी मददगार साबित हुआ होगा। अतः आपसे अनुरोध है की इस लेख को नीचे दिए गए विभिन्न सोशल मीडिया लिंक के माध्यम से अपने दोस्तों या रिस्तेदारों के पास शेयर करना ना भूले।

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