समास की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित | Samas in hindi
Samas in hindi : दोस्तों आज के इस लेख में हम आपके साथ हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण अध्याय ‘समास’ के बारे में चर्चा करेंगे। इस लेख में आपको समास से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। तो आज के हमारें इस खास लेख को पूरा जरूर पढ़ें और जाने की आखिर यह समास क्या होता हैं तथा यह कितने प्रकार के होते हैं? इतना ही नहीं इस खास लेख मे हम आपके साथ समास की परिभाषा और उसके भेद के साथ ही साथ समास के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण को भी जानेंगे। तो चलिए बिना देर किये विस्तार से जानते है ‘समास’ को और सबसे पहले बात कर लेते है समास किसे कहते हैं तथा समास के कितने भेद हैं जैसे सवालों के साथ
समास किसे कहते हैं | samas kise kahate hain
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है समास शब्द ‘सम्’ तथा ‘आस’ नामक दो शब्दों से मिलकर बना है। समास शब्द मे ‘सम्’ का शाब्दिक अर्थ “छोटा करना या संक्षिप्त करना” होता है जबकि ‘आस’ शब्द का शाब्दिक अर्थ “शब्द अथवा कथन” से लगाया जाता है। शाब्दिक अर्थों में देखा जाये तो समास शब्द का शाब्दिक अर्थ शब्दों अथवा कथनों को छोटा करना या संक्षिप्त करना होता है।
उदाहरण : ज्ञानसागर, ज्ञानसागर एक सामासिक शब्द है जो ज्ञान का समुन्द्र का संक्षिप्त रुप है। ज्ञान का समुन्द्र मे ‘का’ एक ऐसा शब्द है जो इन दोनों शब्दों को आपस मे जोड़ने का कार्य करता है। समास होने पर ऐसे शब्दों का लोप हो जाता है।
समास की परिभाषा | samas ki paribhasha
(१). दो या दो से अधिक सजातीय शब्दों को इस प्रकार व्यवस्थित रुप मे रखना की उन शब्दों के आकार मे किसी भी प्रकार के कमी के बिना ही किसी नये सार्थक शब्दों का निर्माण हो सके समास कहलाते है।
Placing two or more homogeneous words in such a way that new meaningful words can be formed without any reduction in the size of those words is called Samas.
(२). वे नये सार्थक शब्द जो दो सजातीय शब्दों के मेल से उत्पन्न हुए हो समास कहलाते है।
Those new meaningful words which are formed by the combination of two homogeneous words are called Samas.
समास के उदाहरण : चक्रपाणि, तिरंगा, लंबोदर, चौराहा, यथाशक्ति और पंचवटी आदि शब्द समास के उदाहरण है।
समास को जानने के बाद अब हमारे मन मे यह प्रश्न आते है कि आखिर समास के कितने भेद होते हैं? तो चलिए आगे बढ़ते हुए अब हम समास के प्रकार या भेद को विस्तार से जानते है।
समास के कितने भेद होते हैं? | samas ke bhed
समास के मुख्य छः भेद होते हैं जो निम्नलिखित हैं
(१). अव्ययीभाव समास (abhi bhav samas)
(२). तत्वपुरुष समास (tatpurush samas)
(३). कर्मधारय समास (karmadharaya samas)
(४). द्बिगु समास (dvigu samas)
(५). द्बन्द समास (dwand samas)
(६). बहुव्रीहि समास (bahubrihi)
(१). अव्ययीभाव समास (abhi bhav samas) : वह समास जिसका पहला (1) पद प्रधान तथा अव्यय हो तथा दूसरा (2) पद संज्ञा हो अव्ययीभाव समास कहलाता है।
अव्ययीभाव समास के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण
- जैसा संभव हो = यथासंभव
- कर्म के अनुसार = यथाकर्म
- रुचि के अनुसार = यथारुची
- बिना काम का = बेकाम
- तौर के साथ = बतौर
(२). तत्वपुरुष समास (tatpurush samas) : तत्वपुरुष समास वे समास होते है जिनका पद प्रधान हो तथा दोनों सजातीय शब्दों के बीच का कारक चिह्न विलुप्त हो।
तत्वपुरुष समास के उदाहरण
- राज का कुमार = राजकुमार
- रचना को करने वाला = रचनाकार
- माखन को चुराने वाला = माखनचोर
- रस से भरा हुआ = रसभरा
तत्वपुरुष समास के निम्नलिखित छः भेद पाये जाते है (क). कर्म तत्वपुरुष
(ख). करण तत्वपुरुष
(ग). सम्प्रदान तत्वपुरुष
(घ). अपादान तत्वपुरुष
(ड़). संबंध तत्वपुरुष और
(च). अधिकरण तत्वपुरुष
- (क). कर्म तत्वपुरुष : कर्म तत्वपुरुष वे समास होते है जिसमें कर्म कारक की विभक्ति को लुप्त हो जाता है। उदाहरण
- सुख को प्राप्त करने वाला = सुखप्राप्त
- गगन को चूमने वाला = गगनचुम्बी
- माखन को चुराने वाला = माखनचोर
- चिड़ियों को मारने वाला = चिड़ीमार
- तेल को चाटने वाला = तेलचट्टा
- (ख). करण तत्वपुरुष : करण तत्वपुरुष वे समास होते है जिसमें करण कारक की विभक्ति के द्धारा, से लुप्त हो जाता है। उदाहरण
- नेत्र से हीन = नेत्रहीन
- रस से भरा = रसभरा
- पद से दलित = पददलित
- तुलसी द्वारा कृत = तुलसीकृत
- आकल से पीड़ित = आकाल पीड़ित
- (ग). सम्प्रदान तत्वपुरुष : सम्प्रदान तत्वपुरुष वे समास होते है जिसमें सम्प्रदान कारक की विभक्ति के लिए लुप्त हो जाता है। उदाहरण
- गो के लिए शाला = गोशाला
- सभा के लिए भवन = सभाभवन
- माल के लिए गोदाम = मालगोदाम
- शिक्षा के लिए आलय = शिक्षालय
- विधान के लिए सभा = विधानसभा
- रसोई के लिए घर = रसोईघर
- देश के लिए भक्ति = देशभक्ति
- हाथ के लिए कड़ी = हथकड़ी
- (घ). अपादान तत्वपुरुष : अपादान तत्वपुरुष वे समास होते है जिसमें अपादान कारक की विभक्ति से लुप्त हो जाता है। उदाहरण
- धन से हीन = धनहीन
- धन से हीन = धनहीन
- बल से हीन = बलहीन
- दोष से मुक्त = दोषमुक्त
- बंधन से मुक्त = बंधनमुक्त
- गुण से हीन = गुणहीन
- जल से हीन = जलहीन
- (ड़). संबंध तत्वपुरुष : संबंध तत्वपुरुष वे समास होते है जिसमें संबंध कारक की विभक्ति का, की, के लुप्त हो जाता है। उदाहरण
- विद्या का सागर = विद्यासागर
- शिव का आलय = शिवालय
- राजा की आज्ञा = राजाज्ञा
- पर के अधीन = पराधीन
- राजा का कुमार = राजकुमार
- गंगा का जल = गंगाजल
- अन्न का दाता = अन्नदाता
- देश की सेवा = देशसेवा
- (च). अधिकरण तत्वपुरुष : अधिकरण तत्वपुरुष वे समास होते है जिसमें अधिकरण कारक की विभक्ति मे पर लुप्त हो जाता है। उदाहरण
- पुरुषों में उत्तम = पुरुषोत्तम
- अपने पर बीती = आपबीती
- नरो में उत्तम = नरोत्तम
- ग्राम में वास = ग्रामवासी
- धर्म में वीर = धर्मवीर
- कला में श्रेष्ठ = कलाश्रेष्ट
- गृह में प्रवेश = गृहप्रवेश
(३). कर्मधारय समास (karmadharaya samas) : कर्मधारय समास वे समास होते है जिनका प्रथम पद विश्लेषण और प्रधान तथा दूसरा पद संज्ञा होता है कर्मधारय समास कहलाते है।
कर्मधारय समास के उदाहरण :
- कमल के समान चरण = चरणकमल
- नीला है जो कंठ = नीलकंठ
- मृग के समान नयन = मृगनयन
- चंद्र के समान मुख = चंद्रमुख
- प्राणों के समान प्रिय = प्राणप्रिय
(४). द्बिगु समास (dvigu samas) : द्बिगु समास वे समास होते है जिनका प्रथम पद संख्यावाचक हो अन्तिम पद संज्ञा हो द्बिगु समास कहलाते है।
द्बिगु समास के उदाहरण :
- तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक
- तीन रंगों का समूह = तिरंगा
- तीन फलों का समाहार = त्रिफला
- चार वेदों का समाहार = चतुर्वेद
- पाँच वटों का समाहार = पंचवटी
(५). द्बन्द समास (dwand samas) : द्बन्द समास वे समास होते है जिनका दोनों पद प्रधान हो तथा दोनो पद संज्ञा या विशेषण हो द्बन्द समास कहलाते है। इस समास को विग्रह करने पर दोनों सजातीय शब्दों के बीच मे और, अथवा, या, अथवा लगा होता है।
द्बन्द समास के उदाहरण :
- राधा और कृष्ण = राधा-कृष्ण
- भाई और बहन = भाई-बहन
- देश और विदेश = देश-विदेश
- पाप और पुण्य = पाप-पुण्य
- माता और पिता = माता-पिता
- नर और नारी = नर-नारी
- ठंडा या गर्म = ठंडा-गर्म
- आगे और पीछे = आगे-पीछे
(६). बहुव्रीहि समास (bahubrihi samas) : बहुव्रीहि समास वे समास होते है जिनका दोनों पद अप्रधान होता है तथा किसी तीसरे पद की ओर इशारा करते है बहुव्रीहि समास कहलाते है।
बहुव्रीहि समास के उदाहरण :
- लंबा है उदर जिनका अर्थात गणेश = लम्बोदर
- चार है भुजाएं जिनकी अर्थात विष्णु = चतुर्भुज
- तीन है नेत्र जिनके अर्थात शंकर = त्रिनेत्र
- दस है मुख जिनकी अर्थात रावर = दशमुख
- एक है दांत जिनके अर्थात गणेश = एक दन्त
समास से सम्बंधित गूगल पर अक्सर पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब
A. बहुव्रीहि समास (bahubrihi samas)
A. द्बिगु समास (dvigu samas)
A. बहुव्रीहि समास (bahubrihi samas)
A. द्बिगु समास (dvigu samas)
A. अव्ययीभाव समास (abhi bhav samas)
A. बहुव्रीहि समास (bahubrihi samas)
A. द्बिगु समास (dvigu samas)
A. कर्मधारय समास (karmadharaya samas)
A. अव्ययीभाव समास (abhi bhav samas)
अंतिम शब्द
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपने हिंदी व्याकरण से संबंधित विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाने वाले एक महत्वपूर्ण सवाल समास को उनकी परिभाषा तथा विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से आसानी से तथा अच्छी तरह से सिख लिए होंगे। ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए नई उड़ान के साथ जुड़े रहे तथा इस लेख को नीचे दिए गए विभिन्न सोशल मीडिया Links के माध्यम से अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें।